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- Supreme Court Bars BS IV Vehicle Registration Till Further Orders, Next Hearing Will Be On August 13
नई दिल्लीएक दिन पहले
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कोर्ट ने कहा था कि वह उन्हीं बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्र्रेशन की अनुमति दी जाएगी, जिनके विवरण 31 मार्च से पहले ई-वाहन पोर्टल पर डाला जा चुका है
- कोर्ट ने मार्च में लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में बीएस 4 वाहनों की बिक्री पर नाराजगी व्यक्त की है
- कोर्ट ने अक्टूबर 2018 में कहा था कि 1 अप्रैल 2020 से देश में बीएस-4 वाहनों न बिक्री होगी न ही उनका रजिस्ट्र्रेशन होगा
सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बीएस 4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। साथ ही मार्च में लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में बीएस 4 वाहनों की बिक्री पर नाराजगी भी जताई। इस मामले की सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
Supreme Court bars registration of BS-IV vehicles till further orders and expresses displeasure on the sale of large number of vehicles in March during lockdown; says an unusual number of BS-IV vehicles were sold during the lockdown. Matter to be heard on August 13. pic.twitter.com/y6WlvboPDq
— ANI (@ANI) July 31, 2020
बीएस-4 वाहनों की बिक्री के लिए दी गई मोहलत वापस ले चुका है कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च के उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें भारत स्टेज-4 (बीएस-4) वाहनों की बिक्री के लिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिनों की मोहलत दी गई थी। यह मोहलत दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर पूरे देश के लिए थी। कोर्ट ने साथ ही कहा कि वाहन डीलर्स ने आदेश का उल्लंघन किया और लॉकडाउन लागू होने के बाद मार्च के आखिरी हफ्ते में और उसके बाद भी बीएस-4 वाहनों की बिक्री जारी रही।
31 मार्च के बाद बिके बीएस-4 वाहनों का अभी नहीं होगा रजिस्ट्रेशन
कोर्ट ने कहा कि इस साल 31 मार्च के बाद बिके बीएस-4 वाहनों का अभी रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। ऑनलाइन माध्यमों से भी ये वाहन बेचे गए। इस मामले में कोर्ट की न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) और वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि अदालत ने 27 मार्च के अपने आदेश को वापस ले लिया है।
लॉकडाउन में वाहनों की बिक्री पर कोर्ट ने उठाया सवाल
वाहन डीलर्स संगठन के वकील ने पुराने आदेश के हवाले से कहा कि कोर्ट ने कहा था कि 31 मार्च से पहले बिके बीएस-4 वाहनों को रजिस्ट्रेशन होगा। इस पर पीठ ने कहा कि मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद डीलर्स ने ये वाहन कैसे बेचे। कोर्ट ने कहा कि 17,000 वाहनों के विवरण सरकार के ई-वाहन पोर्टल पर नहीं डाले गए हैं। कोर्ट सरकार से ई-वाहन के आंकड़े की जांच करने के लिए कहेगा।
उन्हीं वाहनों का होगा रजिस्ट्रेशन, जिनके विवरण ई-वाहन पोर्टल पर 31 मार्च तक अपलोड किए गए
कोर्ट ने कहा था कि वह उन्हीं बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी, जिनके विवरण 31 मार्च से पहले ई-वाहन पोर्टल पर डाला जा चुका है। कोर्ट ने सरकार से उन वाहनों के आंकड़े देने के लिए कहा, जिन्हें ई-वाहन पोर्टल पर 31 मार्च के बाद चढ़ाया गया है। कोर्ट ने वाहन डीलर संगठन से उन वाहनों के आंकड़े भी मांगे, जिनकी बिक्री सरकार को की गई है।
बीएस-4 के बाद देश में सीधे बीएस-6 हुआ लागू
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2018 में कहा था कि एक अप्रैल 2020 से देश में बीएस-4 वाहनों की बिक्री नहीं होगी और न ही उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे पहले 2016 में केंद्र सरकार ने कहा था कि 2020 तक देश में बीएस-4 के बाद सीधे बीएस-6 लागू होगा। 15 जून को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि देश में बीएस-4 वाहनों की बिक्री या रजिस्ट्रेशन को अनुमति नहीं दी जाएगी। अदालत ने हल्की छूट वाले पिछले आदेश का उल्लंघन किए जाने के लिए वाहन डीलर्स एसोसिएशन को फटकार भी लगाई थी।
मार्च में कोर्ट ने बिके हुए वाहनों का 30 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन किए जाने का दिया था आदेश
मार्च में सुप्रीम कोर्ट को बीएस-4 वाहनों के अनसोल्ड इनवेंट्री के विवरण दिए गए थे। उसके मुताबिक वाहन उद्योग के पास करीब 7 लाख दोपहिया, 15,000 पैसेंजर कार और 12,000 कमर्शियल वाहन बचे हुए थे। कोर्ट को यह भी बताया गया था कि 1.05 लाख दोपहिया, 2,250 पैसेंजर कारें और 2,000 कमर्शियल वाहन बिक चुके थे, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन बिके वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, उनका रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल तक कर दिया जाए।
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