नई दिल्ली10 दिन पहले
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काउंटर पॉइंट रिसर्च में रिसर्च एनालिस्ट शिल्पी जैन ने कहा कि अप्रैल-जून 2020 में चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स की हिस्सेदारी घटकर 72 प्रतिशत रह गई, जबकि जनवरी-मार्च 2020 में यह 81 प्रतिशत थी।
- अप्रैल-जून तिमाही में स्मार्टफोन की बिक्री में 51 फीसदी की गिरावट
- देश में स्मार्टफोन बाजार पर ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसे चीनी ब्रांड का दबदबा रहा है
भारतीय बाजार में चीनी स्मार्टफोन ब्रांड की हिस्सेदारी अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 72 प्रतिशत रह गई। जबकि इससे पहली तिमाही में यह 81 प्रतिशत थी। इसकी बड़ी वजह देश में चीन-विरोधी भावना बढ़ना और कोविड-19 की वजह से आपूर्ति में बाधा होना है। रिसर्च कंपनी काउंटर पॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक देश में स्मार्टफोन बाजार पर ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसे चीनी ब्रांड का दबदबा है। लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में इनकी बाजार हिस्सेदारी घटी है।
स्मार्टफोन की बिक्री में 51 फीसदी की गिरावट
शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में देश की स्मार्टफोन बिक्री सालाना आधार पर 51 प्रतिशत घटकर 1.8 करोड़ यूनिट्स से थोड़ी अधिक रही। इसकी बड़ी वजह अप्रैल और मई में कोविड-19 से देशभर में लगा लॉकडाउन रहा।
काउंटर पॉइंट रिसर्च में रिसर्च एनालिस्ट शिल्पी जैन ने कहा कि अप्रैल-जून 2020 में चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स की हिस्सेदारी घटकर 72 प्रतिशत रह गई। जबकि जनवरी-मार्च 2020 में यह 81 प्रतिशत थी।
#BoycottChina मुहिम का असर हुआ
उन्होंने कहा कि इसकी वजह ओप्पो, वीवो और रीयलमी जैसे प्रमुख चीनी स्मार्टफोन ब्रांड की आपूर्ति प्रभावित होना है। साथ ही देश में चीन-विरोधी धारणा के मजबूत होने का असर भी पड़ा है। सरकार ने भी चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इसमें 50 से ज्यादा चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाना और चीन से आयात होने वाले सामान की सीमा पर अधिक जांच इत्यादि शामिल है।
गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच तनाव के बाद से देश में चीन विरोधी माहौल है। जैन ने कहा कि हालांकि स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च डेवलपमेंट ऑपरेशन, कीमत के हिसाब से बेहतर उत्पाद और मजबूत बिक्री चैनल की वजह से चीनी कंपनियों ने ग्राहकों के सामने कुछ ही विकल्प छोड़े हैं।
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