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Manushi Chhillar says pressure of likes and comments has increased but these are not everything in life we have | मानुषी छिल्‍लर ने कहा सोशल मीडिया के लाइक्स और कमेंट्स से युवाओं पर दबाव बढ़ रहा, पर ये ही सब कुछ नहीं होते हैं

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अमित कर्ण, मुंबई18 मिनट पहले

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14 मई 1997 को पैदा हुईं मानुषी छिल्लर साल 2017 में मिल वर्ल्ड बनी थीं।

पूर्व मिस वर्ल्ड और अभिनेत्री मानुषी छिल्‍लर यूनिसेफ जैसे वैश्विक संगठन के साथ मिलकर काम करती रही हैं। संयुक्त राष्ट्र आज (12 अगस्त) अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहा है और इस साल की उनकी थीम यूथ एंगेजमेंट फॉर ग्लोबल एक्शन (वैश्विक कार्रवाई के लिए युवाओं की सहभागिता) है। इस थीम का मकसद उन तरीकों को उजागर करना है, जिनमें स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर युवाओं की सहभागिता हो। मानुषी का मानना है कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिक उन्नति हमारे देश के युवाओं के लिए एक वरदान और एक अभिशाप दोनों है।

मानुषी कहतीं हैं, ‘इस देश के युवा तकनीक की लहर पर सवार हैं। एक ओर जहां इसके कई फायदे हैं, तो वहीं कई नुकसान भी हैं। हम वहां के विषाक्‍त वातावरण से दो-चार तो हो ही रहे हैं। साथ ही वहां नफरत भला माहौल भी है। वहां इस तरह की भावनाओं को भड़काने की जगह गलतियों से सीख हासिल करनी चाहिए। अपनी पहचान बनानी चाहिए। मैं प्रार्थना करती हूं कि प्रतिदिन थोपी जाने वाली इस नकारात्मकता का सामना करने के लिए हम पूरी तरह से मजबूत हों, और क्या सही है और क्या गलत, इसके बीच अंतर करने में सक्षम हों।’

लाइक्स, शेयर और कमेंट्स ही सब कुछ नहीं होते

मानुषी ने आगे कहा, ‘सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में लाइक्स, शेयर और कमेंट्स निश्चित रूप से दबाव बढ़ा रहे हैं और मैं चाहूंगी कि युवाओं को हमेशा इस बात की जानकारी रहे कि वास्तव में यही सब कुछ नहीं है। भले ही संख्या या मात्रा के लिहाज से हम इसे पसंद करते हों, बावजूद इसके यह वास्तविक नहीं है।’

‘जो मायने रखता है, वो यह है कि हम कौन हैं, हमारे बुनियादी मूल्य क्या हैं, हम दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं और हम अपने परिवार, दोस्तों, पर्यावरण और देश के प्रति कितने जिम्मेदार हैं।’

भविष्य की योजनाएं प्रभावित नहीं होना चाहिए

मानुषी को लगता है कि कोरोना के माहौल ने युवाओं के लिए नई प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं। युवा और बच्चे आज एक ऐसे वातावरण में बड़े हो रहे हैं, जहां वे एक महामारी के बीच में हैं। वे कहतीं हैं, ‘मुझे उम्मीद है कि यह युवाओं की तलाश और अभिव्यक्ति को बाधित नहीं करेगा। युवाओं को नई खोज करने और बिना किसी डर के जीवन का नेतृत्व करने में शर्म नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम अपने भविष्य की खोज करने वाले हैं।’

उम्मीद है ये केवल विकास प्रक्रिया का हिस्सा होगा

तकनीक के इस दौर में युवा तेजी से परिपक्व हो रहे हैं और मानुषी इस बात का स्वागत करती हैं। वे कहतीं हैं, ‘सारी चुनौतियों का निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा। लेकिन मुझे उम्मीद है कि यह केवल युवाओं की विकास प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र होगा और अनुभव हासिल करने के प्रति उनका मोहभंग नहीं करेगा। युवाओं को बिना किसी डर के जीना चाहिए, स्वतंत्र रहना चाहिए और हमेशा महसूस करना चाहिए कि वे सूरज का पीछा कर सकते हैं।’

युवा बाहरी दबावों के आगे ना झुकें और सपने देखते रहें

आगे उन्होंने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर मैं चाहती हूं कि हमारे देश के युवा इन बाहरी दबावों के आगे ना झुकें और सपने देखते रहें। ये विचार इस दुनिया के भविष्य को आकार देंगे और वे अपने लिए और दूसरी पीढ़ियों के लिए क्या बनाकर रखते हैं, यह देखने के लिए मैं सबसे ज्यादा उत्साहित हूं।’

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