एक घंटा पहले
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सुशांत सुसाइड केस में लगभग 8 घंटे लंबी पूछताछ के बाद राजीव मसंद पुलिस स्टेशन से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे सवाल करने चाहे। लेकिन वे बिना कोई रिस्पॉन्स दिए रवाना हो गए।
- सुशांत के करीबियों ने पूछताछ में यह कहा है कि राजीव उनकी की फिल्मों को निगेटिव रिव्यू दिया करते थे
- शनिवार को कंगना रनोट ने मुंबई पुलिस से पूछा था कि वे राजीव मसंद को पूछताछ के लिए क्यों नही बुलाते
सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में मंगलवार को फिल्म क्रिटिक और वरिष्ठ पत्रकार राजीव मसंद से लगभग 8 घंटे तक पूछताछ हुई। वे सुबह करीब 11:50 बजे बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंचे थे और रात 8 बजे के बाद वहां से बाहर निकले। सूत्रों की मानें तो मामले की जांच में लगे तीन पुलिस ऑफिसर ने उनसे पूछताछ की। हालांकि, उनके स्टेटमेंट की डिटेल अभी आनी बाकी है।
Mumbai: Film critic Rajeev Masand leaves from Bandra police station where he had come to record his statement in connection with actor Sushant Singh Rajput’s suicide case. Statements of 39 people have been recorded so far in connection with the case. https://t.co/qduwPdZBIa pic.twitter.com/xEHYlEcCwG
— ANI (@ANI) July 21, 2020
मसंद पर सुशांत के खिलाफ निगेटिव आर्टिकल लिखने का आरोप
सूत्रों के मुताबिक, सुशांत के करीबियों ने पूछताछ में आरोप लगाया है कि राजीव मसंद सुशांत की फिल्मों को निगेटिव रिव्यू देते थे। साथ ही वे किसी के इशारे पर उनके खिलाफ निगेटिव ब्लाइंड आर्टिकल भी लिख रहे थे। सुशांत इसे लेकर दुखी और परेशान रहते थे।
बताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले में मसंद का पक्ष जानना चाहती है और यह भी पता कर रही है कि क्या वाकई वे किसी के इशारे पर काम कर रहे थे? सुशांत को लेकर लिखे गए उनके आर्टिकल का सोर्स क्या था?
कंगना ने पूछा था- राजीव मसंद को समन क्यों नहीं भेजते?
शनिवार को कंगना रनोट ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मुंबई पुलिस से पूछा था कि सुशांत मामले में आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट, करन जौहर और राजीव मसंद को समन क्यों नहीं भेजा गया ? उन्होंने कहा था, “मैं यह नहीं कहती कि कोई यह चाहता था कि सुशांत मर जाएं। लेकिन उनकी बर्बादी जरूर चाहते थे। ये लोग इमोशनल गिद्ध हैं। वे लोगों को लिंच होते देखना चाहते हैं। महेश भट्ट अपनी फिल्मों के जरिए आज तक परवीन बाबी की बीमारी बेचते आ रहे हैं। मुंबई पुलिस आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट, करन जौहर और राजीव मसंद को समन क्यों नहीं भेजती? क्या इसलिए कि ये चारों पावरफुल हैं।”
सुशांत की मौत के 6 दिन बाद ही सवालों में घिर गए थे मसंद
राजीव मसंद सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 6 दिन बाद ही सवालों के घेरे में आ गए था। माया नाम की एक ट्विटर यूजर ने 20 जून को मसंद के ब्लाइंड आइटम के दो प्रिंट शॉट साझा किए थे, जिनमें बिना नाम लिए सुशांत के खिलाफ लिखा गया था। माया ने अपने ट्वीट में लिखा था, “एक आदमी पूरी तरह जांच से और यह एक्सप्लेन करने से बच गया कि आखिर क्यों उसने सुशांत सिंह राजपूत के साथ ऐसा किया था। वह है राजीव मसंद। उसने बिना नाम लिए सुशांत के खिलाफ घाटियां बातें लिखीं। उसने सुशांत को स्कर्ट चेजर (लड़कियों को फंसाने वाला) तक कहा था। मैंने कुछ स्क्रीन शॉट पोस्ट किए हैं।”
One guy who has quietly escaped scrutiny or not explained why he did to Sushant Singh Rajput what he did is the one and only Rajeev Masand. He used to be one of the top to make the worst blinds on him. He even called him a “Skirt Chaser” . I’ll post a couple of screenshots below.
— Maya (@Sharanyashettyy) June 19, 2020
पहले आर्टिकल के साथ माया ने लिखा था, “जहां राजीव ने सुशांत के शांत और जेन (दिल बेचारा का किरदार) जैसे व्यवहार को नकली कहा था और उन्हें इनसिक्योर बताया था।
दूसरे आर्टिकल के साथ लिखा था, “राजीव का दूसरा घटिया ब्लाइंड आइटम एक फेक मीटू के बारे में था। यह मीटू स्टोरी कभी सामने नहीं आ सकी। लेकिन कोई था, जो यह अहसास दिलाना चाहता था कि इसकी वजह से फिल्म कभी रिलीज नहीं होगी। लेकिन कमेंट में देखिए फैन्स ने क्या कहा।”
2. Rajeev posts another nasty blind item about a fake metoo story & DilBechara. This metoo story never caught on but someone wanted to imply that this won’t be released cz of that See what the fans have observed in comments. pic.twitter.com/lkwIG4T13Q
— Maya (@Sharanyashettyy) June 19, 2020
अपूर्व असरानी और मनोज बाजपेयी भी उठा चुके मसंद पर सवाल
पिछले दिनों फिल्ममेकर और एडिटर अपूर्व असरानी और अभिनेता मनोज बाजपेयी भी राजीव मसंद पर सवाल उठा चुके हैं। यह तब की बात है, जब सुशांत के खिलाफ निगेटिव बातों को लेकर केआरके पर निशाना साधा जा रहा था।
तब अपूर्व असरानी ने अपने एक ट्वीट में लिखा था, “केआरके जैसे सॉफ्ट टार्गेट पर अटैक करना, जबकि पावरफुल ब्लाइंड आइटम एक्सपर्ट पर चुप रहना सरासर पाखंड है। केआरके में कम से कम इतनी हिम्मत तो है कि वे अपना नजरिया नाम के साथ रखते हैं। सुशांत सिंह राजपूत के खिलाफ राजीव मसंद के ब्लाइंड आइटम शातिर और कायराना हैं। सिलेक्टिव मत बनो।”
Attacking soft targets like KRK, while keeping mum on the more powerful ‘blind item’ experts is sheer hypocrisy. KRK is vile, but atleast has the guts to put his name to his opinions. Rajeev’s blind items against #SushantSinghRajput are vicious & cowardly. Don’t be selective.
— Apurva (@Apurvasrani) July 6, 2020
इसी तरह मनोज बाजपेयी ने राजीव मसंद पर निशाना साधते हुए लिखा था, “आलोचना के साथ निर्दोष प्रतिभाओं को चोट पहुंचाने वाले पत्रकारों को सिलेक्टिव तरीके से बाहर करना पाखंड है। मैं राजीव मसंद के ब्लाइंड आइटम पढ़कर दुखी हूं।”
It is hypocrisy to selectively call out journalists who hurt innocent talents with slander. I am very upset to read the blind items by Rajeev Masand in your tweet & I support you in
calling him out. But the effort to stop toxic people like KRK is genuine too. Let’s stand united. https://t.co/PGkdE2PL9A— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) July 6, 2020
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